Book Shani Dosh Nivaran Puja & Jaap
Shani Dosh Nivaran Puja
Chanting Shani Dev mantras can bring numerous benefits, both spiritually and materially. Here are some key benefits of chanting Shani Dev mantras:
1. Relief from Suffering: Chanting Shani Dev mantras helps alleviate hardships and obstacles in life.
2. Increase in Wealth: It brings prosperity and improves financial conditions.
3. Health Benefits: Regular chanting can lead to better physical and mental health.
4. Positive Energy: It removes negative energy and brings in positive vibrations.
5. Protection from Enemies: Provides protection from enemies and removes obstacles created by them.
6. Peace and Harmony: Brings peace and mental tranquility.
7. Karmic Benefits: Shani Dev is the lord of karma; chanting his mantras helps in receiving the due rewards of one’s actions and neutralizing negative karma.
Here are some powerful Shani Dev mantras:
1. Shani Gayatri Mantra:
Om Sham Shanicharaya Namah.
2. Shani Beej Mantra:
Om Praam Preem Praum Sah Shanishcharaya Namah.
3. Shani Maha Mantra:
Om Nilanjana Samabhasam Ravi Putram Yamagrajam
Chhaya Martanda Sambhootam Tam Namami Shanaishcharam.
Additional benefits include:
8. Improvement in Karma: Helps in rectifying past negative deeds and encourages good actions.
9. Protection from Accidents: Provides protection against unexpected accidents and calamities.
10. Career and Business Success: Helps in overcoming obstacles in career and business, leading to promotions and success.
11. Family Harmony: Reduces family disputes and fosters harmony and love within the family.
12. Mental Peace and Patience: Increases patience and endurance, leading to mental peace.
13. Educational Success: Beneficial for students, aiding in educational achievements and excellence.
14. Justice: Helps in legal matters and ensures fair outcomes.
15. Longevity and Contentment: Promotes longevity and overall contentment in life.
Additional powerful mantras for Shani Dev include:
1. Shani Tantra Mantra:
Om Praam Preem Praum Sah Shanishcharaya Namah.
2. Shani Shanti Mantra:
Om Sham Shanaishcharaya Vidmahe
Chhaya Putraya Dhimahi
Tanno Mandah Prachodayat.
3. Shani Raksha Mantra:
Om Hraam Hreem Hraum Sah Shanaishcharaya Namah.
When chanting these mantras, consider the following:
– Perform the chanting with purity and cleanliness.
– Guidance from a knowledgeable guru can enhance the benefits.
– Saturday is the most auspicious day for Shani Dev’s worship, and observing fasts and performing charitable acts on this day are highly beneficial.
– Donating black sesame seeds, black clothes, and mustard oil can also attract Shani Dev’s blessings.
Shani Dosh Nivaran Puja
How to correct Shani Dosha?
Shani Dosha, associated with Saturn’s influence in Vedic astrology, can cause challenges and hardships in a person’s life. Correcting or mitigating Shani Dosha typically involves a combination of rituals, lifestyle changes, and spiritual practices. Here are some common remedies:
1. Worship and Mantras:
– Recite Shani Mantras: Chanting the Shani Mantra (“Om Sham Shanicharaya Namah”) regularly can help.
– Hanuman Worship: Recite the Hanuman Chalisa or visit Hanuman temples on Saturdays, as Lord Hanuman is believed to reduce the malefic effects of Saturn.
– Navagraha Puja: Perform or participate in a Navagraha Puja, focusing on Saturn.
2. Charity and Donations:
– Donate black items such as black sesame seeds, black clothes, or iron on Saturdays.
– Feed the poor, especially on Saturdays.
– Offer food to crows and black dogs.
3. Fasting –
Observe a fast on Saturdays. You can consume one meal after sunset, preferably consisting of sesame seeds and jaggery.
4. Wearing Gemstones:
– Wear a blue sapphire (Neelam) after consulting with a knowledgeable astrologer to ensure it suits your horoscope.
5. Lifestyle and Conduct:
– Lead a disciplined life with a focus on humility, patience, and hard work.
– Avoid any unethical activities and maintain honesty in all dealings.
– Practice regular meditation and yoga to maintain mental peace and stability.
6. Pilgrimages and Visits:
– Visit Shani temples or holy places associated with Saturn, such as Shani Shingnapur in Maharashtra, India.
Book Shani Dosh Nivaran Puja & Jaap
शनि देव के मंत्र जप करने से कई लाभ होते हैं। ये लाभ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
1. कष्टों से मुक्ति: शनि देव के मंत्र जप से जीवन में आने वाले कष्ट और कठिनाइयों का निवारण होता है।
2. धन-संपत्ति में वृद्धि: शनि देव की कृपा से धन-धान्य की वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
3. स्वास्थ्य लाभ: शनि देव के मंत्रों का नियमित जप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. सकारात्मक ऊर्जा: शनि देव के मंत्र जप से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
5. शत्रु बाधा निवारण: शत्रुओं से रक्षा और उनके द्वारा उत्पन्न बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
6. सुख-शांति का अनुभव: जीवन में सुख-शांति और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
7. कर्मों का फल: शनि देव कर्मों का न्यायाधीश माने जाते हैं, उनके मंत्र जप से कर्मों का उचित फल मिलता है और पापों का नाश होता है।
कुछ प्रमुख शनि देव मंत्र इस प्रकार हैं:
1. शनि गायत्री मंत्र:
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
2. शनि बीज मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
3. शनि महा मंत्र:
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥
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शनि देव के मंत्र जप करने से कई लाभ होते हैं। ये लाभ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। यहाँ शनि देव मंत्र जप के कुछ प्रमुख लाभ हैं:
1. कष्टों से मुक्ति: शनि देव के मंत्र जप से जीवन में आने वाले कष्ट और कठिनाइयों का निवारण होता है।
2. धन-संपत्ति वृद्धि:में शनि देव की कृपा से धन-धान्य की वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
3. स्वास्थ्य लाभ: शनि देव के मंत्रों का नियमित जप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. सकारात्मक ऊर्जा: शनि देव के मंत्र जप से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
5. शत्रु बाधा निवारण: शत्रुओं से रक्षा और उनके द्वारा उत्पन्न बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
6. सुख-शांति का अनुभव: जीवन में सुख-शांति और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
7. कर्मों का फल: शनि देव कर्मों का न्यायाधीश माने जाते हैं, उनके मंत्र जप से कर्मों का उचित फल मिलता है और पापों का नाश होता है।
कुछ प्रमुख शनि देव मंत्र इस प्रकार हैं:
1. शनि गायत्री मंत्र:
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
2. शनि बीज मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
3. शनि महा मंत्र:
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥
इन मंत्रों का श्रद्धा और विश्वास के साथ नियमित जप करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का अनुभव होता है।
शनि देव के मंत्र जप के लाभ को और विस्तार से जानने के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया जा सकता है:
8. कर्म सुधार: शनि देव को कर्मफल दाता माना जाता है। उनके मंत्रों का जप करने से व्यक्ति अपने बुरे कर्मों का परिमार्जन कर सकता है और अच्छे कर्मों की ओर प्रेरित हो सकता है।
9. दुर्घटनाओं से सुरक्षा: शनि देव की कृपा से अनचाही दुर्घटनाओं और आपदाओं से रक्षा होती है।
10. व्यवसाय और करियर में सफलता: शनि देव का आशीर्वाद मिलने से व्यवसाय और करियर में सफलता मिलती है। बाधाओं का निवारण होता है और प्रमोशन के अवसर मिलते हैं।
11. परिवार में सौहार्द: शनि देव के मंत्र जप से पारिवारिक कलह और विवादों का नाश होता है। परिवार में सौहार्द और प्रेम बना रहता है।
12. मानसिक शांति और धैर्य: शनि देव का मंत्र जप करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और व्यक्ति में धैर्य और सहनशक्ति बढ़ती है।
13. शिक्षा में उन्नति: छात्रों के लिए शनि देव का आशीर्वाद बहुत लाभकारी होता है। उनके मंत्रों का जप करने से शिक्षा में उन्नति और विद्या में सिद्धि प्राप्त होती है।
14. न्याय प्राप्ति: यदि कोई व्यक्ति कानूनी मामलों में फंसा हुआ है या न्याय नहीं मिल रहा है, तो शनि देव की आराधना और मंत्र जप से न्याय प्राप्ति होती है।
15. दीर्घायु और संतोष: शनि देव के मंत्रों का नियमित जप दीर्घायु और संतोष प्रदान करता है।
शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मंत्र भी अत्यंत प्रभावशाली हैं:
1. शनि तंत्र मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
2. शनि शांति मंत्र:
ॐ शनिश्चराय विद्महे छाया पुत्राय धीमहि।तन्नः मंदः प्रचोदयात्॥
3. शनि रक्षा मंत्र:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनिवैदिक मंत्र:
ॐ शन्नो देवीरभिष्टऽआपोभवन्तुपीतये । शय्योरभिम्रवन्तु नः ।
एकाक्षरीबीजमन्त्रः- ॐ शं शनैश्चराय नमः ।
तांत्रिक शनिमंत्रः- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः ।
जपसंख्या – २३००० त्रयोविंशतिः सहस्त्राणि ।
सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः ।
मन्दचारः प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु मे शनिः ॥
इन मंत्रों का जप करते समय कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
– मंत्र जप हमेशा शुद्धता और साफ-सफाई के साथ करना चाहिए।
– किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में मंत्र जप करना अधिक लाभकारी होता है।
– शनिवार का दिन शनि देव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है, इस दिन व्रत और दान-पुण्य करने से भी लाभ मिलता है।
– काले तिल, काले वस्त्र, और सरसों के तेल का दान करना भी शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
शनि दोष कैसे ठीक करें?
शनि दोष को ठीक करने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:
1. हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की आराधना से शनि के प्रभाव को कम किया जा सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ और मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर में दर्शन करना लाभदायक हो सकता है।
2. शनि मंत्र का जाप: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करें।
3. दान और सेवा: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों को काला तिल, काले कपड़े, लोहे के सामान और उड़द की दाल का दान करें।
4. नीलम रत्न: शनि के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषी की सलाह पर नीलम रत्न धारण कर सकते हैं।
5. सुरक्षा तंत्र: शनि यंत्र की स्थापना और उसकी नियमित पूजा करना भी लाभकारी हो सकता है।
6. सच्चाई और ईमानदारी: अपने कर्मों में सच्चाई और ईमानदारी बनाए रखें। शनिदेव कर्म के देवता माने जाते हैं, इसलिए अच्छे कर्म करना महत्वपूर्ण है।
7. *मंत्रों का जाप*:
– “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
– “ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम्। छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥”
नवग्रह स्त्रोत्र लिरिक्स संस्कृत
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