Gand Mool Nakshatra Puja
A Powerful Remedy for Inauspicious Birth Nakshatras
The Gand Mool Nakshatra Puja is a highly revered Vedic ritual performed to mitigate the malefic effects of being born under specific Nakshatras that are considered inauspicious, known as the Gand Mool Nakshatras. There are six Nakshatras that fall under this category: Ashwini, Ashlesha, Magha, Jyestha, Moola, and Revati. These Nakshatras are believed to cause difficulties or disturbances in the individual’s life, especially during childhood, and may impact relationships, health, or career unless the right spiritual remedies are undertaken.
Why Perform Gand Mool Nakshatra Puja?
People born under these Nakshatras may experience challenges due to the imbalance of cosmic energies. The Gand Mool Nakshatra Puja helps pacify these effects, bringing peace, prosperity, and protection to the individual and their family. It is believed to ward off negative influences and create a more harmonious life path, alleviating potential misfortunes and improving overall well-being.
Key Benefits of Gand Mool Nakshatra Puja:
Neutralizes the adverse effects of Gand Mool Nakshatras.
Brings peace, protection, and prosperity to the individual and family.
Promotes better health, success, and harmonious relationships.
Helps in removing financial and personal obstacles.
Protects against the negative impact on a newborn’s life and growth.
Fosters mental, emotional, and spiritual stability.
When is Gand Mool Nakshatra Puja Recommended?
This puja is often recommended soon after the birth of a child born under any of the six Gand Mool Nakshatras. It is usually performed on the 27th day after birth or as advised by an experienced astrologer. Adults who are aware of their birth under these Nakshatras may also perform this puja to reduce the adverse effects on their lives.
How is the Puja Performed?
The Gand Mool Nakshatra Puja involves specific rituals that include the chanting of sacred mantras, Havan (fire ritual), and offering prayers to appease the governing deities of the Nakshatras. Our expert pandits perform the puja following traditional Vedic procedures to ensure its effectiveness and to invoke blessings for peace and prosperity.
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Service Includes:
Complete Vedic puja by qualified pandits.
Arrangement of all required samagri (puja materials).
Personalized attention to the individual’s birth chart and Nakshatra.
Live streaming of the puja (optional).
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गंड मूल नक्षत्र पूजा: अशुभ जन्म नक्षत्रों के दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण उपाय
गंड मूल नक्षत्र पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जो उन जातकों के लिए किया जाता है जिनका जन्म विशेष अशुभ नक्षत्रों में हुआ है, जिन्हें गंड मूल नक्षत्र कहा जाता है। इन नक्षत्रों में अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती आते हैं। माना जाता है कि इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के जीवन में शुरुआती काल में कठिनाइयां आती हैं, जो रिश्तों, स्वास्थ्य या करियर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इस पूजा के माध्यम से इन दोषों को शांत किया जा सकता है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा क्यों करें? गंड मूल नक्षत्रों में जन्म लेने से जातक के जीवन में अशुभ ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है, जिससे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गंड मूल नक्षत्र पूजा इन दोषों को शांति प्रदान करती है और जातक के जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा लाती है। यह पूजा नकारात्मक प्रभावों को दूर करती है और जीवन पथ को अधिक सामंजस्यपूर्ण बनाती है, जिससे संभावित संकटों को टाला जा सकता है और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा के प्रमुख लाभ:
गंड मूल नक्षत्रों के अशुभ प्रभावों को दूर करता है।
व्यक्ति और परिवार को शांति, सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करता है।
बेहतर स्वास्थ्य, सफलता और सौहार्दपूर्ण रिश्तों को बढ़ावा देता है।
व्यक्तिगत और वित्तीय बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
नवजात शिशु के जीवन और विकास पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों से रक्षा करता है।
मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
कब करें गंड मूल नक्षत्र पूजा?
यह पूजा उन बच्चों के लिए विशेष रूप से की जाती है, जिनका जन्म गंड मूल नक्षत्रों में हुआ हो। इसे आमतौर पर जन्म के 27वें दिन या किसी अनुभवी ज्योतिषी के परामर्श के बाद किया जाता है। इसके अलावा, वयस्क व्यक्ति भी इस पूजा को कर सकते हैं यदि उन्हें अपने जन्म नक्षत्र के कारण जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो।
पूजा कैसे की जाती है?
गंड मूल नक्षत्र पूजा में विशेष मंत्रों का उच्चारण, हवन (अग्नि अनुष्ठान) और नक्षत्रों के अधिपति देवताओं की आराधना की जाती है। हमारे अनुभवी पंडित वैदिक विधि-विधान के अनुसार पूजा करते हैं, ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो और जातक के जीवन में शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिल सके।
ऑनलाइन गंड मूल नक्षत्र पूजा बुक करें अब आप अपने घर बैठे गंड मूल नक्षत्र पूजा को हमारी ऑनलाइन सेवा के माध्यम से आसानी से बुक कर सकते हैं। हमारे अनुभवी और योग्य पंडित आपकी ओर से सभी वैदिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा करेंगे। पूजा की सभी विधियों का ध्यान रखते हुए आपकी सुविधा के लिए लाइव स्ट्रीमिंग और प्रसाद की डिलीवरी भी उपलब्ध है।
सेवा में शामिल हैं:
योग्य पंडितों द्वारा संपूर्ण वैदिक पूजा।
सभी आवश्यक सामग्री (सामग्री) की व्यवस्था।
जातक की कुंडली और नक्षत्र के अनुसार विशेष ध्यान।
लाइव स्ट्रीमिंग सुविधा (वैकल्पिक)।
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गंड मूल नक्षत्र पूजा: अशुभ नक्षत्रों के दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान
गंड मूल नक्षत्र पूजा उन व्यक्तियों के लिए की जाती है जिनका जन्म अशुभ माने जाने वाले गंड मूल नक्षत्रों में हुआ है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये नक्षत्र व्यक्ति के जीवन में प्रारंभिक समय में परेशानियों का कारण बन सकते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक कठिनाइयाँ, पारिवारिक कलह, या अन्य तरह के संकट। गंड मूल नक्षत्रों में शामिल हैं: अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल, और रेवती। इस पूजा से इन नक्षत्रों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मकता लाई जा सकती है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा के लाभ:
1. दोष निवारण: गंड मूल नक्षत्रों के अशुभ प्रभावों को शांत करता है, जिससे व्यक्ति और परिवार पर आने वाले संकटों को दूर किया जा सकता है।
2. स्वास्थ्य में सुधार: इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, रोग और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
3. आर्थिक समृद्धि: पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, धन के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
4. परिवारिक शांति: परिवार के सदस्यों के बीच कलह और असामंजस्य को समाप्त कर, शांति और सौहार्द को बढ़ावा मिलता है।
5. नवजात शिशु की सुरक्षा: यदि किसी नवजात शिशु का जन्म गंड मूल नक्षत्र में हुआ है, तो यह पूजा उसके जीवन की रक्षा करती है और जीवन में शुभता लाती है।
6. व्यावसायिक और व्यक्तिगत सफलता: नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को शांत करके व्यक्ति की व्यावसायिक और व्यक्तिगत सफलताओं में वृद्धि होती है।
7. जीवन में संतुलन: मानसिक, भावनात्मक, और आध्यात्मिक संतुलन को बनाए रखने में सहायता करता है, जिससे जीवन में स्थिरता आती है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा की विधि:
गंड मूल नक्षत्र पूजा एक विस्तृत प्रक्रिया होती है, जिसमें विशिष्ट मंत्रों का जाप, हवन, और नक्षत्रों के स्वामी देवताओं का आह्वान किया जाता है। पूजा के दौरान देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान और विधान किये जाते हैं। इसे पूर्ण वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न किया जाता है।
पूजा सामग्री (समग्री):
पूजा में निम्नलिखित सामग्रियों का उपयोग किया जाता है:
1. कलश – अभिषेक और पूजा के लिए जल से भरा कलश।
2. पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद, और चीनी से तैयार पंचामृत।
3. फल और फूल – पूजा के लिए विभिन्न प्रकार के ताजे फल और फूल।
4. धूप, दीपक और अगरबत्ती – वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिए।
5. सिंदूर और चंदन – देवी-देवताओं की मूर्तियों पर लगाने के लिए।
6. नारियल – देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए।
7. कुशा और आसन – हवन के समय उपयोग किया जाता है।
8. हवन सामग्री – विशेष जड़ी-बूटियाँ, घी, लकड़ी, और अन्य वस्त्र जो हवन के दौरान अग्नि में डाले जाते हैं।
9. विशेष मंत्र और जप माला – विशेष रूप से तैयार की गई माला और वैदिक मंत्रों का उच्चारण।
10. कपूर – आरती के दौरान उपयोग के लिए।
11. आम की लकड़ी – हवन के लिए पवित्र आम की लकड़ी का उपयोग।
12. गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए।
पूजा की प्रक्रिया:
1. स्वस्तिवाचन: पूजा की शुरुआत में मंगलकामना और स्वस्तिवाचन मंत्रों का पाठ किया जाता है।
2. कलश स्थापना: पवित्र कलश की स्थापना और पंचदेवों (गणेश, विष्णु, शिव, दुर्गा, और सूर्य) का आह्वान।
3. गंड मूल नक्षत्र दोष निवारण मंत्र जाप: विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है जो गंड मूल नक्षत्र के प्रभाव को शांत करने में सहायक होते हैं।
4. हवन: अग्नि देवता को समर्पित हवन किया जाता है, जिसमें सभी पूजन सामग्री अग्नि में अर्पित की जाती है।
5. आरती और प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में देवी-देवताओं की आरती की जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है।
6. प्रसाद एवं आशीर्वाद: पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद और आशीर्वाद घर भेजा जाता है।
पूजा के बाद परिणाम:
गंड मूल नक्षत्र पूजा के बाद जातक के जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगते हैं। बाधाएँ कम होने लगती हैं और मन को शांति मिलती है। स्वास्थ्य, परिवार, और आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है, और जीवन की दिशा में सकारात्मकता का अनुभव होता है।
ऑनलाइन गंड मूल नक्षत्र पूजा बुकिंग:
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यह भी पढ़े: क्षेत्रपाल भैरवाष्टक स्तोत्र लिरिक्स
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